कैलेंडर 2024 त्यौहार | 2024 में मिलने वाली त्योहारों पर छुट्टी

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भारत एक विविधता और संस्कृति का देश है, जहाँ साल भर विभिन्न त्यौहार मनाए जाते हैं। ये त्यौहार हमारे देश की सांस्कृतिक धरोहर और परंपराओं का हिस्सा हैं। कैलेंडर 2024 त्यौहार की जानकारी देने का मुख्य उद्देश्य है कि सभी लोग इन विशेष दिनों के बारे में जान सकें और उन्हें सही तरीके से मना सकें।

कैलेंडर 2024 त्यौहार
कैलेंडर 2024 त्यौहार

जनवरी 2024 के त्यौहार

मकर संक्रांति (14 जनवरी)

मकर संक्रांति सूर्य के मकर राशि में प्रवेश का पर्व है। इस दिन सूर्य उत्तरायण होता है और इसे फसल कटाई के त्यौहार के रूप में मनाया जाता है। उत्तर भारत में लोग इस दिन पतंग उड़ाते हैं और तिल-गुड़ के लड्डू बांटते हैं।

पोंगल (14-17 जनवरी)

तमिलनाडु में मनाया जाने वाला प्रमुख फसल पर्व है पोंगल। यह चार दिनों तक चलता है और इसे फसल के देवता सूर्य को धन्यवाद कहने के लिए मनाया जाता है। पहले दिन ‘भोगी’ मनाया जाता है, दूसरे दिन ‘थाई पोंगल’, तीसरे दिन ‘मट्टू पोंगल’ और चौथे दिन ‘कानूम पोंगल’।

फरवरी 2024 के त्यौहार

महाशिवरात्रि (8 फरवरी)

महाशिवरात्रि भगवान शिव की आराधना का प्रमुख पर्व है। इस दिन शिव भक्त उपवास रखते हैं और रातभर जागरण करते हैं। शिवलिंग पर बेलपत्र, दूध, दही, शहद, गंगाजल आदि अर्पित करते हैं।

बसंत पंचमी (14 फरवरी)

बसंत पंचमी विद्या और ज्ञान की देवी सरस्वती की पूजा का दिन है। इस दिन लोग पीले वस्त्र पहनते हैं और पीले रंग के भोजन का सेवन करते हैं। इस दिन से बसंत ऋतु का आरंभ भी माना जाता है।

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मार्च 2024 के त्यौहार

होली (25-26 मार्च)

होली रंगों का त्यौहार है जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। पहले दिन होलिका दहन होता है, और दूसरे दिन रंगों की होली खेली जाती है। लोग एक दूसरे को रंग लगाते हैं और मिठाइयाँ बांटते हैं।

नवरात्रि (6-14 अप्रैल)

नवरात्रि देवी दुर्गा की नौ रूपों की आराधना का पर्व है। यह नौ दिनों तक चलता है जिसमें देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। लोग व्रत रखते हैं और गरबा, डांडिया आदि नृत्यों का आयोजन करते हैं।

अप्रैल 2024 के त्यौहार

रामनवमी (17 अप्रैल)

रामनवमी भगवान राम के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना होती है और रामायण का पाठ किया जाता है।

बैसाखी (13 अप्रैल)

बैसाखी फसल कटाई का त्यौहार है और इसे पंजाब में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दिन किसान अपनी फसलों की अच्छी पैदावार के लिए धन्यवाद कहते हैं। गुरुद्वारों में कीर्तन और लंगर का आयोजन होता है।

मई 2024 के त्यौहार

बुद्ध पूर्णिमा (23 मई)

बुद्ध पूर्णिमा भगवान गौतम बुद्ध के जन्म, ज्ञान और महापरिनिर्वाण दिवस के रूप में मनाई जाती है। इस दिन बौद्ध मंदिरों में पूजा-अर्चना होती है और भगवान बुद्ध की शिक्षाओं का अनुसरण किया जाता है।

जुलाई 2024 के त्यौहार

रथ यात्रा (8 जुलाई)

रथ यात्रा भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की रथ यात्रा का पर्व है। यह उड़ीसा के पुरी में विशेष रूप से मनाया जाता है, जहाँ भगवान जगन्नाथ का विशाल रथ यात्रा निकाला जाता है।

गुरु पूर्णिमा (21 जुलाई)

गुरु पूर्णिमा गुरु-शिष्य परंपरा को सम्मान देने का पर्व है। इस दिन विद्यार्थी अपने गुरुओं को सम्मानित करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।

अगस्त 2024 के त्यौहार

रक्षाबंधन (19 अगस्त)

रक्षाबंधन भाई-बहन के प्रेम और रक्षा के संकल्प का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई पर राखी बांधती हैं और भाई उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

जन्माष्टमी (26 अगस्त)

जन्माष्टमी भगवान कृष्ण के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस दिन मंदिरों में झांकियाँ सजाई जाती हैं और रातभर कीर्तन होता है। लोग व्रत रखते हैं और आधी रात को कृष्ण जन्म का उत्सव मनाते हैं।

अक्टूबर 2024 के त्यौहार

नवरात्रि (3-11 अक्टूबर)

नवरात्रि देवी दुर्गा की नौ रूपों की आराधना का पर्व है। यह नौ दिनों तक चलता है जिसमें देवी के अलग-अलग स्वरूपों की पूजा की जाती है। लोग व्रत रखते हैं और गरबा, डांडिया आदि नृत्यों का आयोजन करते हैं।

दशहरा (12 अक्टूबर)

दशहरा बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व है। इस दिन भगवान राम ने रावण का वध किया था। इस दिन रावण, मेघनाद और कुंभकरण के पुतलों का दहन किया जाता है।

करवा चौथ (20 अक्टूबर)

करवा चौथ विवाहित महिलाओं का व्रत होता है जिसमें वे अपने पति की लंबी उम्र के लिए दिनभर उपवास रखती हैं और चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोलती हैं।

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नवम्बर 2024 के त्यौहार

दिवाली (1 नवम्बर)

दिवाली प्रकाश का पर्व है। यह भगवान राम के अयोध्या लौटने की खुशी में मनाया जाता है। लोग घरों में दीप जलाते हैं, रंगोली बनाते हैं, मिठाइयाँ बांटते हैं और पटाखे फोड़ते हैं।

गोवर्धन पूजा (2 नवम्बर)

गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन मनाई जाती है। इस दिन भगवान कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत उठाकर ब्रजवासियों की रक्षा की थी। लोग गोवर्धन की पूजा करते हैं और अन्नकूट का भोग लगाते हैं।

भाई दूज (3 नवम्बर)

भाई दूज भाई-बहन के प्रेम का पर्व है। इस दिन बहनें अपने भाइयों को तिलक करती हैं और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। भाई उन्हें उपहार देते हैं और उनकी रक्षा का वचन देते हैं।

दिसंबर 2024 के त्यौहार

क्रिसमस (25 दिसंबर)

क्रिसमस ईसाई धर्म के प्रवर्तक यीशु मसीह का जन्मदिन है। इस दिन गिरजाघरों में विशेष प्रार्थना होती है और लोग एक दूसरे को उपहार देते हैं। क्रिसमस ट्री सजाया जाता है और केक काटा जाता है।

निष्कर्ष

कैलेंडर 2024 त्यौहार भारत की विविधता और समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर का प्रतीक है। इन त्यौहारों को मनाकर हम अपने सामाजिक और सांस्कृतिक ताने-बाने को मजबूत करते हैं और एकता की भावना को प्रबल करते हैं। प्रत्येक त्यौहार अपने आप में अनूठा है और जीवन में खुशी और उल्लास का संचार करता है। इसलिए, आइए इस वर्ष के प्रत्येक त्यौहार को धूमधाम और उल्लास के साथ मनाएं और अपने जीवन को रंग-बिरंगी खुशियों से भर दें.

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